तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल 24 लोगों में वायरस की पुष्टि…

300 विदेशी नागरिकों पर प्रतिबंध की तैयारी….
नई दिल्ली। दिल्ली में आयोजित हुए तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों में से 24 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इतनी बड़ी मात्रा में जमात में मौजूद लोगों में संक्रमण की पुष्टि से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। वहीं केंद्र सरकार जमात में शामिल हुए विदेशी नागरिकों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। वहीं लखनऊ से तीन विदेशी नागरिक जो जमात में शामिल हुए थे पकड़े गए हैं।
पुलिस सूत्रों ने ये खुलासा भी किया है कि जमात से छह विदेशी इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने लखनऊ गए थे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को बताया कि मरकज बिल्डिंग से निकाले गए लोगों में से अब तक 24 वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें सही तरीके से नहीं पता है कि वहां कुल कितने लोग मौजूद थे। यह आकलन है कि 1500-1700 लोग इस भवन में थे।
अब तक 1033 लोग यहां से निकाले जा चुके हैं। 334 लोगों को अस्पतालों में भेजा जा चुका है और 700 को क्वारंटीन सेंटर में भेजा गया है। मंगलवार को अधिकारियों ने बाताया कि श्रीनगर का एक व्यापारी जो निजामुद्दीन तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुआ था। वायरस की वजह से मरने से उसने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हवाई, ट्रेन और सड़क सेवा के माध्यम से यात्रा की थी। जिससे यह डर बढ़ जाता है कि उसने बाकि कई लोगों को भी संक्रमित किया होगा। व्यापारी द्वारा संक्रमितों में जम्मू के एक डॉक्टर भी शामिल हैं। व्यापारी की दिल्ली से जाने के 19 दिनों बाद 26 मार्च को श्रीनगर के अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। निजामुद्दीन मरकज से गाजियाबाद वापस लौटे 10 लोगों को होम क्वारंटीन में रखा गया है।
सीएमओ डा. एनके गुप्ता ने बताया कि मसूरी क्षेत्र से कुल 15 लोग मरकज में गए थे। पांच लोग वहीं पर रह गए हैं, जबकि 10 लोग 26 मार्च को वापस आ गए थे। सभी को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने होम क्वारंटीन में रखने के बाद सख्त निर्देश दिए गए हैं। उनके घर के बाहर नोटिस भी चिपका दिया गया है कि यहां पर वायरस का संदिग्ध मरीज है। मरकज से लौटे लोगों के वायरस संदिग्ध होने के चलते दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के उन तमाम इलाकों के मस्जिदों में इस वक्त जांच हो रही है, जहां इसमें शामिल लोगों के पाए जाने की संभावना है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि निजामुद्दीन मरकज से छह विदेशी नागरिक लखनऊ के अमीनाबाद के मरकज में इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने गए थे।ये सभी कजकानिस्तान के हैं। निजामुद्दीन मामले में दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर अधिकारियों की बैठक चल रही है। बैठक के बाद मुकदमे का फैसला लिया जाएगा। कई पुलिस अधिकारियों पर लापरवाही बरतने के लिए गाज गिर सकती है। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होकर लौटे लोगों में कई लोग लखनऊ भी आए हैं।
लखनऊ सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अभी तीन लोग ऐसे मिले हैं, इनके सैंपल लिए गए हैं। इन्हें लोकबंधु अस्पताल में क्वारंटीन के लिए भेजा जा रहा है। इनसे पुलिस अन्य लोगों के बारे में पूछताछ कर रही है। इनके जरिए यह पता लगाया जा रहा है कि कितने लोग आए और कब से यहां हैं। पुलिस इनके बारे में सूचना न देने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी। मरकज भवन से सामने आए वायरस पॉजिटिव केसों ने दिल्ली सरकार की नींद उड़ा दी है। इस वक्त इसी मामले पर मुख्यमंत्री के घर पर उच्चस्तरीय बैठक चल रही है। बता दें कि मंगलवार सुबह दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से आज भी लोगों का शहर के कई अस्पतालों में जांच के लिए जाना जारी है। सरधना में रह रहे इंडोनेशिया के 6 लोग, जमात में हुए थे शामिल सरधना नगर के मोहल्ला आजाद नगर की मस्जिद में जो छह जमात के लोग मिले हैं, वह इंडोनेशिया के रहने वाले हैं।
जिनकी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पूर्व में भी जांच की जा चुकी है। लेकिन निजामुद्दीन मरकज में यह विदेशी जमात के लोग वहां पर ठहरे थे, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। कस्बा झिंझाना में त्रिपुरा से आए तबलीगी जमात के 14 लोगों को दो मकानों में अलग-अलग क्वारंटीन किया गया है। उन्हें 14 दिन तक घर में रहने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सुबह-शाम उनकी निगरानी कर रही है। तबलीगी जमात में गए अंडमान के 10 में से 9 कोरोना पॉजिटिव दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज भवन में तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए अंडमान-निकोबार के 10 में से 9 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इस बात की पुष्टि अंडमान के डिप्टी स्वास्थ्य एवं नोडल अफसर अभिजीत रॉय ने की है। केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार जो विदेशी नागरिक दिल्ली में हुए तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए थे उन पर कठोर कार्रवाई हो सकती है।
दरअसल वीजा नियमों के अनुसार भारत में आकर कोई भी धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकता। ऐसे में जमात में शामिल होना नियमों के खिलाफ है और ऐसे में विदेशियों पर कार्रवाई हो सकती है। जमात में देशभर से लोग शामिल हुए थे जिसमें अंडमान से लेकर तेलंगाना, महाराष्ट्र, यूपी आदि जिले शामिल हैं। बता दें कि सरकारों की चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि जमात में आए तेलंगाना के छह संक्रमित लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसी के बाद से देश के कई राज्यों की सरकारें उन लोगों की पहचान में लगी हैं जो जमात में आए थे।