हरोली के कांगड़ा में सरकारी जमीन से लाखों का रेत चोरी
सरकारी अमले की कार्रवाई करने में अनाकानी से बिफरे ग्रामीण, चक्का जाम करने की दी धमकी
ऊना/रोहित शर्मा: हरोली उपमंडल के कांगड़ गांव में सरकारी भूमि से खनन माफिया ने लाखों रुपये का रेत चोरी छिपे उठा लिया है। पता चलने पर ग्रामीणों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। सरकारी अमले द्वारा खनन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर ग्रामीण भडक़ उठे हैं। पंचायत प्रधान सहित ग्रामीणों का कहन है कि यदि सरकारी भूमि से रेत उठाने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीण सडक़ों पर उतरेंगे और चक्का जाम भी किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
पंचायत के पूर्व प्रधान एवं ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष विनोद कुमार बिट्टू ने बताया कि सरकारी भूमि से रेत उठाने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने के संदर्भ में ग्राम पंचायत ने 25 जून 2019 को एक प्रस्ताव भी पारित किया था। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों 11 फरवरी को डीएसपी हरोली को खनन माफिया के खिलाफ शिकायत पत्र दिया और इससे अगले दिन पालकवाह में आयोजित जनमंच के दौरान यह मसला फिर से उठाया गया, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विनोद कुमार ने बताया कि वीरवार को कानूनगो ने मौका देखा और निशानदेही भी की गई। जिसमें साफ पाया गया कि खसरा नंबर 3055/2984 जो 3016 के साथ लगता है उसमें से खनन माफिया के लोगों ने बिना इजाजत के रेत उठाई गई है। लेकिन इस संदर्भ में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। इसी विषय को लेकर गांव के लोग तहसीलदार हरोली के पास भी गए। तहसीलदार ने एक्स की बात कही थी। विनोद कुमार का आरोप है कि तहसीलदार ने लोगों को एक्स मुसाबी लेकर आने की बात कहकर टाल दिया। विनोद कुमार का कहना है कि जब यह सरकारी नंबर है, तो इसकी हिफाजत करना सरकार के अफसरों का ही काम है। विनोद कुमार का कहना है कि यह सरकारी नम्बर जब हिमाचल सरकार के हैं, तो यहां पर निजी ट्यूबवैल कैसे लगा और इसपर आलू की खेती भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि लट्ठा मुसाबी तहसील ऑफिस या पटवार सर्कल में है और मौके स्थिति भी साफ है, ऐसे में विभाग कार्रवाई करने से गुरेज क्यों कर रहा है। विनोद कुमार ने आरोप लगाया कि जयराम सरकार में खनन माफिया का इतना खौफ है कि प्रशासन के अधिकारी कोई सख्त कार्रवाई करने का साहस ही नहीं जुटा पा रहे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जगाने के लिए जनता अब सडक़ों पर उतरेगी और ऐसी स्थिति में व्यवस्था बिगडऩे की जिम्मेदारी अधिकारियों की ही होगी।