पंजाब कांग्रेस कलहः चंडीगढ़ में सिद्धू और CM चन्नी की मीटिंग शुरू

चंडीगढ़। नवजोत सिद्धू पंजाब में कांग्रेस के प्रधान रहेंगे या जाएंगे? इसका फैसला आज ही हो जाएगा। इसके लिए चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में CM चरणजीत चन्नी के साथ सिद्धू की मीटिंग शुरू हो गई है। सिद्धू पंजाब में DGP इकबालप्रीत सहोता और एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल को हटाने की मांग पर अड़े हैं। मीटिंग में हाईकमान के दूत के तौर पर केंद्रीय पर्यवेक्षक हरीश चौधरी भी मौजूद हैं। वो यहां के पूरे घटनाक्रम के बारे में हाईकमान को सूचना देंगे। इसके अलावा हाईकमान का भेजा संदेश भी बताएंगे।
मीटिंग से पहले ही सिद्धू ने सरकार से सीधी लड़ाई का ऐलान कर दिया है। पंजाब भवन में उनकी CM चरणजीत चन्नी से मीटिंग से पहले ही सिद्धू ने DGP इकबालप्रीत सहोता पर हमला कर दिया है। सिद्धू ने सहोता पर पिछली बादल सरकार को क्लीन चिट देने के मुद्दे को उठाया है। सिद्धू ने कहा कि इसी अफसर ने SIT प्रमुख होते हुए दो सिख युवकों को गलत तरीके से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के केस में फंसाया था। तब मौजूदा मंत्रियों, पूर्व प्रधान जाखड़ और मौजूदा गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने मिलकर युवकों को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया था। सीधे तौर पर सिद्धू ने स्पष्ट कर दिया है कि अब अफसर रहेंगे या फिर वो पंजाब में कांग्रेस के प्रधान रहेंगे।
सिद्धू ने इस मीटिंग से पहले ट्वीट किया था। जिसमें सिद्धू बोले कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया है। सिद्धू ने कहा था कि किसी भी बातचीत के लिए CM का स्वागत है। सिद्धू के इस्तीफे के बाद हाईकमान ने दूरी बना ली थी। जिसके बाद सिद्धू बैकफुट पर आ चुके हैं।
सिद्धू लगातार पंजाब के नए डीजीपी इकबालप्रीत सिंह सहोता, एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल और कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत को हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी वीडियो डालकर कहा था कि अगर यही दागी अफसर और नेता वापस आ गए तो फिर पुराने और नए सिस्टम में क्या फर्क रह जाएगा।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात से पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने सिद्धू पर हमला किया है। उन्होंने बिना नाम लिए गया कि अब बहुत हो गया है। बार-बार CM की काबिलियत पर सवाल उठाना बंद करो। नए DGP और एडवोकेट जनरल (AG) की नियुक्ति पर सवाल उठाने पर भी जाखड़ भड़क गए। उन्होंने कहा कि यह असल में CM और होम मिनिस्टर की क्षमता पर सवाल उठाना है। जाखड़ ने यहां तक कह दिया कि यह समय अब आगे बढ़ने का है। जाखड़ के इस बयान को कांग्रेस हाईकमान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जाखड़ को हटाकर ही सिद्धू को पंजाब में कांग्रेस का प्रधान बनाया गया था।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के एक दिन बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल से मुलाकात की। पंजाब में चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर इस मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
उधर, नवजोत सिद्धू का रवैया देख कांग्रेस हाईकमान भी अड़ गया है। सिद्धू को साफ संदेश भेज दिया गया है कि उनकी हर जिद अब पूरी नहीं होगी। इसी वजह से सिद्धू के इस्तीफे के 2 दिन बीतने के बाद भी हाईकमान ने उनसे बात नहीं की। यह देख अब पंजाब में सिद्धू के प्रधान बनने से जोश में दिख रहे विधायक और नेता भी उनका साथ छोड़ने लगे हैं। कैप्टन का तख्तापलट करते वक्त सिद्धू के साथ 40 विधायक थे, अब वे अकेले पड़ गए हैं। उनके समर्थन में सिर्फ रजिया सुल्ताना ने ही मंत्रीपद छोड़ा। उनके करीबी परगट सिंह डटकर सरकार के साथ खड़े हैं।
बुधवार रात मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी चंडीगढ़ से पटियाला जाने की तैयारी में थे। ऐन वक्त पर यह दौरा टल गया। माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें इनकार कर दिया। चुनाव की घोषणा में सिर्फ 3 महीने बचे हैं। ऐसे में उन्हें सरकार के काम पर फोकस करने को कहा गया है। हाईकमान सिर्फ परिणाम चाहता है ताकि पंजाब में अगली सरकार कांग्रेस की बन सके। सिद्धू को मनाने के लिए हाईकमान के कहने पर CM चरणजीत चन्नी ने नवजोत के ही करीबी मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर राजा वडिंग की कमेटी बना दी है। वे पहले 2 बार सिद्धू से मिल चुके हैं, लेकिन आगे कोई बात नहीं हुई है।
