मुनि मंदिर में श्रीराम कथा का आयोजन

श्रीराम भक्ति में अपार शक्ति: कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री…
विनोद कुमार/चंडीगढ़। श्रीरामचरित्र जीवन का निर्माण करने वाली कथा है गौस्वामी तुलसीदास जी के इस ग्रंथ में तीन शब्दों का योग है राम, चरित्र और मानस।

यदि प्रत्येक मानव अपने मन में राम चरित्र को धारण कर ले, तो राम की प्राप्ति संभव हो जाती है और राम का अभिप्राय: सत्य प्रेम और कर्म है। यह प्रवचन कथा व्यास पठानकोट/वृदांवन से परम् पूज्यनीय अतुल कृष्ण शास्त्री जी ने सेक्टर 23 डी स्थित श्री महावीर मंदिर मुनि सभा (साधु आश्रम) में पूज्यपाद बह्मलीन श्री सतगुरू देव श्रीश्री 108 श्री मुनि गौरवा नंद गिरि जी महाराज की प्ररेणा से परम्परानुसार 51वां वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में आयोजित श्रीराम कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को दिये।
उन्होंने अपने प्रवचन के दौरान गौस्वामी तुलसीदास जी के बारें में बताया कि जब उन्हें भक्ति में शक्ति का परम् ज्ञान हुआ तो उन्होंने श्रीरामचरित्रमानस ग्रंथ की रचना की जिसे स्वयं भगवान शिव शंकर जी ने मान्यता दी। उन्होंने बताया कि भगवान का सिमरन ही कई प्रकार के विकारों, समस्याओं से मानव को उभार सकता है।